राजस्थान के ऐसे प्रकाशक थे जिन्होंने सन् 1963 में पॉकेट बुक्स का प्रकाशन प्रारम्भ करके सुधी पाठकों को अत्यन्त सस्ती पुस्तकें उपलब्ध कराने की मंशा से प्रारम्भ किया। आप राजस्थान में ऐसे उल्लेखनीय प्रकाशक हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के लेखकों के साथ राजस्थान के स्थापित और नये लेखकों को कृतियों को समान स्तर पर प्रकाशित किया। आप अपने प्रकाशन संस्थान से विशिष्ट चित्तात्कर्षक उत्पादन किया। आप प्रकाशन कला में सिद्धहस्त थे। आपने राजस्थान प्रान्त के प्रकाशकों को राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी प्रकाशन जगत में विशिष्ट कराने में अग्रणी भूमिका निभाई। वर्तमान में सूर्य प्रकाशन मन्दिर के प्रबंधन का कार्य उनके पुत्र डॉ. प्रशान्त बिस्सा और पुत्रवधू नीतू बिस्सा लगातार उन्हीं संस्कारों और नीतियों से चला रहे हैं। अब तक हजारों पुस्तकों का प्रकाशन किया है जिसमें हिन्दी, उर्दू, राजस्थानी, अंग्रेजी के साथ-साथ कई विदेशी भाषाओं में भी पुस्तकों का आकर्षक प्रकाशन किया है। हिन्दुस्तान के सभी स्थापित लेखकों की पुस्तकें लगातार प्रकाशित हो रही है। सभी लेखकों और पाठकों का अपार आशीर्वाद मिलता रहा है। आगे भी इसी कामना के नई किताबों का प्रकाशन चलता रहेगा।